Operation Mahadev: पाहलगाम हमले को लेकर अब बड़ा खुलासा हो चुका है। सुरक्षाबलों को पुख्ता सबूत मिले हैं कि इस हमले में शामिल तीनों आतंकी पाकिस्तान के थे। ये वही आतंकी हैं जो ‘ऑपरेशन महादेव’ में मारे गए थे। इस हमले में 22 अप्रैल को 26 बेगुनाह पर्यटकों की जान चली गई थी जिससे पूरा देश दहल उठा था।
ऑपरेशनल नामों के पीछे छिपी पहचान
इन आतंकियों की असली पहचान सामने आने पर कई चौंकाने वाली बातें पता चली हैं। ऑपरेशन में मारे गए आतंकियों में से एक सुलेमान शाह का ऑपरेशनल नाम ‘फैज़ल जाट’ था जो इस हमले का मास्टरमाइंड भी था। वह ‘A++’ श्रेणी का खूंखार आतंकी था। दूसरा आतंकी अबू हमज़ा था जिसका कोडनेम ‘अफगान’ था और वह ‘A’ ग्रेड का कमांडर स्तर का आतंकी था। तीसरे आतंकी यासिर का नाम ‘जिबरान’ था जो ‘A’ कैटेगरी का आतंकी कमांडर था।

पाकिस्तान से जुड़े सीधे सबूत
इन आतंकियों के पास से पाकिस्तान के वोटर आईडी कार्ड बरामद हुए हैं। सुलेमान और अबू हमज़ा के नाम लाहौर और गुजरांवाला की वोटर लिस्ट में पाए गए हैं। साथ ही, सैटेलाइट फोन से लिए गए फिंगरप्रिंट्स के जरिए भी उनकी पहचान की पुष्टि हुई है। इससे पाकिस्तान के आतंक में संलिप्तता के साफ संकेत मिलते हैं।
कराची की चॉकलेट और हथियारों की जांच
सुरक्षाबलों को आतंकियों के पास से कराची की बनी हुई चॉकलेट्स भी मिली हैं। ये आतंकी रावलाकोट और कसूर जैसे पीओके इलाकों के रहने वाले थे। उनके फोन की जीपीएस लोकेशन से पता चला कि ये 21 अप्रैल को बैसरण घाटी से 2 किलोमीटर दूर मौजूद थे। ऑपरेशन महादेव में मिले हथियारों की बैलिस्टिक जांच से भी पुष्टि हुई है कि यही हथियार पाहलगाम हमले में इस्तेमाल हुए थे।
ऑपरेशन महादेव: आतंक पर करारा प्रहार
‘ऑपरेशन महादेव’ भारतीय सेना, जम्मू-कश्मीर पुलिस और सीआरपीएफ का संयुक्त अभियान था। इसका उद्देश्य 22 अप्रैल के पाहलगाम हमले के पीछे छिपे आतंकियों को ढूंढकर मार गिराना था। इस मिशन में लश्कर-ए-तैयबा के कमांडर हाशिम मूसा उर्फ सुलेमान शाह को ढेर किया गया। तीनों आतंकियों की डीएनए रिपोर्ट से यह भी प्रमाणित हुआ कि वे वही आतंकी थे जिन्होंने पाहलगाम की खूबसूरत वादियों को खून से रंग दिया।

