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Sunday, November 2, 2025
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11% लोगों ने क्लिक किया खतरनाक लिंक! AI द्वारा बनाई गई फ़िशिंग ईमेल का सच

आजकल ऑनलाइन फ्रॉड के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। कुछ स्कैमर AI का इस्तेमाल करके लोगों को ठगने के नए-नए तरीके अपना रहे हैं। ये लोग ऐसे मैसेज भेजते हैं जो पूरी तरह से असली दिखते हैं, क्योंकि AI के जरिए इन्हें तैयार किया जाता है। हाल ही में की गई जांच में यह सामने आया कि कुछ लोकप्रिय AI चैटबॉट्स मिनटों में फ़िशिंग ईमेल तैयार कर सकते हैं, जबकि कुछ मॉडल ऐसे कार्य को करने से साफ इनकार कर देते हैं। सवाल यह उठता है कि क्या AI चैटबॉट्स सच में साइबर अपराध को बढ़ावा दे रहे हैं?

ChatGPT, Grok और Meta AI ने बनाई फ़िशिंग ईमेल

हाल ही में विभिन्न AI चैटबॉट्स से फ़िशिंग ईमेल बनाने के लिए कहा गया। परिणाम चौंकाने वाले रहे। परीक्षण के दौरान पाया गया कि xAI का Grok बिना किसी सवाल पूछे वरिष्ठ नागरिकों को टारगेट करते हुए फ़िशिंग ईमेल बना सकता था। यह ईमेल और भी असली दिखे, इसके लिए इसमें नकली डेडलाइन डाल दी गई।

11% लोगों ने क्लिक किया खतरनाक लिंक! AI द्वारा बनाई गई फ़िशिंग ईमेल का सच

जब OpenAI का GPT-5 मॉडल से यही कार्य करवाया गया, तो उसने पहले इनकार कर दिया। लेकिन जब बताया गया कि यह केवल शिक्षा और जागरूकता के लिए है, तो GPT-5 ने बैंक से जुड़े फ़िशिंग ईमेल और तकनीक को लाइन-बाय-लाइन समझाया। अगर ये जानकारी गलत हाथों में चली जाए, तो गंभीर समस्या हो सकती है। Meta AI ने भी कुछ सवालों के बाद इसी तरह के फ़िशिंग मैसेज तैयार किए।

Google Gemini और Claude ने किया इंकार

इस परीक्षण में Google का Gemini और Anthropic का Claude बेहद चौंकाने वाले साबित हुए। बार-बार अनुरोध करने के बावजूद ये मॉडल फ़िशिंग ईमेल बनाने से मना कर गए। रिपोर्ट्स के मुताबिक, Google ने अपने मॉडल में सुरक्षा उपाय बढ़ा दिए हैं ताकि जोखिम भरे जवाब न मिलें। यह दिखाता है कि सभी AI चैटबॉट्स समान रूप से साइबर फ्रॉड को बढ़ावा नहीं देते।

वास्तविक दुनिया में AI फ़िशिंग का असर

परीक्षण के दौरान 108 वरिष्ठ नागरिकों को ये ईमेल भेजे गए। परिणाम भयावह थे। लगभग 11% लोगों ने ईमेल में दिए गए लिंक पर क्लिक कर दिया। यह स्पष्ट करता है कि AI द्वारा बनाई गई फ़िशिंग ईमेल वास्तविक दुनिया में कितनी खतरनाक हो सकती हैं। इसके जरिए लोगों को धोखा देना और व्यक्तिगत जानकारी चुराना आसान हो गया है।

AI सुरक्षा और जिम्मेदारी की आवश्यकता

इस पूरी घटना से यह साफ होता है कि AI तकनीक के फायदे के साथ-साथ खतरे भी मौजूद हैं। चैटबॉट्स से साइबर अपराध की संभावना को कम करने के लिए कंपनियों को कड़े सुरक्षा उपाय और AI में नैतिकता का पालन सुनिश्चित करना होगा। आम लोगों को भी इस तरह के ईमेल से सतर्क रहने और कभी भी संदिग्ध लिंक पर क्लिक न करने की सलाह दी जाती है।

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